देश मे आज भी प्रतिदिन सैकड़ों बेकसूर महिलाएं भूत-प्रेत, चुड़ैल-डायन जैसे अंधविश्वास के नाम पर या तो मौत के घाट उतार दी जाती हैं या उन्हें मौत से भी बदतर जीवन जीने पर विवश होना पड़ता है। सिर्फ पिछड़े गांव-कस्बे ही नहीं, बड़े और उन्नत मेट्रोपोलिटन भी अंधविश्वास के इस काले साए से अछूते नहीं हैं। लोग अपने जीवन मे कितनी भी उन्नति कर जाएं लेकिन इस अंधविश्वास की जड़ें उनके वजूद में इतनी गहरी हैं कि उन्हें कभी भी इस अंधकार से निकलने नहीं देती।
अंधविश्वास और चुड़ैल के नाम पर प्रताड़ित की जा रही महिलाओं के लिए लड़ने की मुहिम चलाई रैना प्रधान ने। रैना जोकि एक पीढ़ी लिखी और समझदार लड़की है, जिसका मानना है कि दुनिया में सच वही है जिसे विज्ञान मानता हो, जिसे विज्ञान सिद्ध ना कर सके वो सभी कुछ अंधविश्वास है। रैना को विश्वास है कि एकदिन वो यह साबित कर देगी कि डायन और चुड़ैलों का अस्तित्व सिर्फ लोगों के डर और कल्पना का नतीजा है।
क्या होगा जब रैना का आत्मविश्वास टकराएगा समाज के अंधविश्वास से?
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